राशि अनुसार कौन सा रत्न धारण करे, ज्योतिष के हिसाब से कौन से राशि का कौन सा रत्न होता है, कैसे पहने राशी रत्न ज्योतिष के हिसाब से.
Rashi Ratna Guidance By Jyotish |
हर जन्म लेने वाले व्यक्ति के ऊपर ग्रहों का असर जीवन भर बना रहता है. जन्म दिनांक, जन्म समय और जन्म स्थान के आधार पर ज्योतिष कुंडली बनाते हैं. कुंडली के हिसाब से ही रत्न धारण करना शुभ होता है परन्तु कुछ लोग जिनको कुंडली का ज्ञान नहीं है वे लोग राशि के हिसाब से रत्न धारण करते हैं. इस ज्योतिषी लेख में हम जानेंगे की कौन से राशि के लिए कौन सा रत्न उपयुक्त होता है.
- मेष राशि
- वृष राशि
- मिथुन राशि
- कर्क राशि
- सिंह राशि
- कन्या राशि
- तुला राशि
- वृश्चिक राशि
- धनुराशि
- मकर राशि
- कुम्भ राशि
- मीन राशि
मेष राशि:
मेष राशि का सम्बन्ध मंगल ग्रह से है और ये राशि नेतृत्त्व से जुड़ी है. इस राशि के जातक चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. मेष राशि के लोग जरूरतमंद लोगों की मदद भी करते हैं। मंगल के प्रभाव के कारण इस राशी के लोगो को क्रोध अधिक आता है, ऐसे लोग उत्तेजित भी जल्दी होते हैं और इनमे हट भी होता है. इस राशि वालो से सम्बंधित रत्न है मूंगा (Red coral), लाल गारनेट ( रेड Garnette) या रेड एजेट (Red Agate)|
वृषभ राशि:
वृषभ राशि का स्थान दूसरा है राशी चक्र मे । इस राशि का सम्बन्ध शुक्र ग्रह से है, इस राशि के लोगो में धैर्य के गुण नजर आते हैं और ये लोग काफी मेहनती भी होते हैं. समाज में ऐसे लोग लोकप्रियता हासिल कर लेते हैं. इनमे आकर्षण शक्ति भी देखने को मिलती है जिससे ये दुसरो को प्रभावित करते हैं. वृषभ राशि से सम्बंधित रत्न हैं - हीरा (diamond), ओपल (Opel).
मिथुन राशि:
राशि चक्र में मिथुन राशि का तीसरा स्थान है| इस राशि के लोगो का कला से विशेष लगाव होता है| ऐसे लोग सुन्दर और आकर्षक दिखना चाहते हैं और इन सब क्रियाओं में इनका धन ज्यादा खर्च होता है । मिथुन राशि के लोग मध्यस्थ का कार्य भी अच्छा कर लेते हैं.मिथुन राशि का सम्बन्ध बुध ग्रह से है । इस नाम राशी के लोगो के लिए पन्ना (Emerald), जेड (Jade), पेरीडोट (Peridot) रत्न शुभ रहता है |
कर्क राशि :
राशी चक्र मे चौथा स्थान कर्क राशि का है जिसका स्वामी ग्रह चन्द्रमा है. | इस राशि के लोग काफी चंचल होते हैं और भ्रमणशील भी होते हैं. ऐसे लोग भावनात्मक भी होते हैं और दुसरे की भावनाओं को भी अच्छी तरह समझते हैं. कर्क राशी के लोग अति संवेदनशील होते हैं | इनसे सम्बंधित राशी रत्न है मोती (Pearl), सफ़ेद एजेट (white Agate) एवं मूनस्टोन (Moonstone).
सिंह राशि:
सिंह राशि का स्थान राशि चक्र मे पांचवा है । इस राशि के लोग साहसी और नेतृत्व मे कुशल होते हैं. इनमे उदारता भी नजर आता है. इस राशि के लोग थोड़े सिद्धांतवादी होते हैं और कई बार अपने सिद्धांतो को लेके हठी भी हो जाते हैं. सिंह राशि वालो का स्वामी ग्रह सूर्य है और इनमे क्रोध भी देखने को मिलता है. सिंह राशि से सम्बंधित रत्न है - रेड ओपल (Red Opel), रूबी (Ruby) अथवा गारनेट (pink Garnet) रत्न धारण करना इन्हें लाभ देता है।
कन्या राशि:
राशि चक्र मे कन्या राशि का स्थान छठा है | इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है और ऐसे लोग हर परिस्थिति का सामना करने में माहिर होते हैं. इनकी रूचि कला मे विशेष रहती है और जीवन का आनंद लेने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोग पारिवारिक भी होते हैं और कर्त्तव्यो का पालन करना भी खूब जानते हैं. ये बहुत जल्दी भावुक हो जाते हैं और विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण भी इनमे ज्यादा रहता है. इस नाम राशी के लोगो के लिए पन्ना (Emerald), जेड (Jade), पेरीडोट (Peridot) रत्न शुभ रहता है |
तुला राशि:
तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और राशि चक्र मे इसका स्थान सातवां है | ऐसे लोग शान और शौकत का जीवन जीते हैं और शौक़ीन भी खूब होते हैं. सम्बन्ध बनाने में भी ऐसे लोग माहिर होते है जिसके कारण व्यापार मे भी खूब तरक्की करते हैं. दिमागी काम करने में बहुत माहिर होते हैं. तुला राशि के लोग कला प्रेमी होते हैं. इस राशि के लोग अपने आपको नीचा नहीं दिखा सकते हैं और इसके लिए ये कुछ भी कर लेते हैं. तुला राशि से सम्बंधित रत्न हैं - ओपल (Opel), डायमंड (Diamond), स्फटिक (Crystals).
वृश्चिक राशि:
राशी चक्र में आठवी राशि के रूप में इस वृश्चिक राशि का स्थान है. इस राशि का स्वामी ग्रह मंगल है जिसके कारण ऐसे लोग वीर और साहसी होते हैं| इनमे आत्मशक्ति गजब की होती है और ये डरते नहीं है. अपने कार्य के प्रति ईमानदार होते हैं और लगन से अपने काम को करते हैं. इनमे फुर्ती भी होती है और समझदारी भी होती है. इस राशि वालो से सम्बंधित रत्न है मूंगा (Red coral), लाल गारनेट ( रेड Garnette) या रेड एजेट (Red Agate)|
धनु राशि:
राशी चक्र मे धनु राशि का स्थान नौवां है, इस राशि का स्वामी ग्रह गुरु ग्रह है जिसके कारण ऐसे लोग बुद्धिमान और शक्तिशाली होते हैं. रणनीति बनाने में माहिर होते हैं. अपने बुद्धिमानी से ये लोग संपन्न जीवन व्यतीत करते हैं | इनमे चंचलता भी दिखाई देती है जिसके कारण ये कई बार नुक्सान उठाते हैं. धनु राशि का रत्न है पिला पुखराज, सुनैला.
मकर राशि:
मकर राशि का स्थान राशि चक्र में दसवां है| इस राशि का स्वामी शनि ग्रह है, इसी कारण इस राशि के लोग सेवा भावी, कर्मठ, न्याय प्रिय होते हैं. ये दुसरो की सहायता करने से नहीं चूकते हैं परन्तु इन्हें चिंता करने की आदत बन जाती है. ऐसे लोग अपने कर्म से ही सफलता प्राप्त करते हैं, इन्हें भाग्य का सहारा कम मिलता है. मकर राशि वालो से सम्बंधित रत्न है- नीलम, blue garnet(नीला गारनेट), Lapis Gems स्टोन.
कुम्भ राशि:
राशिचक्र की ग्यारहवीं राशि है कुम्भ राशि| ऐसे लोग अनुशाशनप्रिय होते हैं और अध्यात्म के प्रति बहुत रूचि रखते हैं. किसी भी विषय को गहराई से समझने का गुण इनमे होता है. इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं होता और कुछ न कुछ सीखते रहते हैं. ये एकांत प्रिय होते हैं. कुभ राशि राशि वालो से सम्बंधित रत्न है- नीलम, blue garnet(नीला गारनेट), Lapis Gems स्टोन.
मीन राशि:
मीन राशि का स्थान राशि चक्र में बारहवां है. गुरु ग्रह के प्रभाव के कारण ये राशि के लोग बुद्धिमान और चतुर होते हैं. हमेशा उर्जा से भरे रहते हैं. ऐसे लोग धार्मिक होते हैं और अध्यात्मिक भी होते हैं. इन्हें समाज में विशेष स्थान पाने की ललक रहती है और उसके लिए ये बहुत प्रयास करते रहते हैं. मीन राशि का रत्न है पिला पुखराज, सुनैला.
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अगर कोई सही राशि रत्न धारण करे तो इसमें कोई शक नहीं की जीवन बदल जाता है. राशि और उससे जुड़े रत्नों की जानकारी इस लेख मे दिया गया है जो सभी के लिए उपयोगी है. सही और अच्छा रत्न जीवन में शुभता लाता है तो दूसरी तरफ एक गलत रत्न जीवन में अशुभता और असफलता को आकर्षित करता है. हमेशा ज्योतिष से सलाह लेकर ही सही और शुभ रत्न धारण करे.
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